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Ghazipur news:दर्जन भर प्रसूताओ की जान ले चुका स्वास्थ्य माफिया पर सीएमओ द्वारा क्यों नहीं की जा रही कार्रवाई




धड़ल्ले से कर रहा अवैध हास्पिटल संचालन, शिकायत के बाद भी सीएमओ द्वारा नहीं की गई कार्रवाई



अभी हाल ही में ओम हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन हुआ था निरस्त,अब न्यू ओम से कर रहा अवैध हास्पिटल संचालन



गाजीपुर। नंदगंज के बरहपुर स्थित ओम हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन अभी हाल ही में सीएमओ डाॅ देश दीपक पाल ने निरस्त कर दिया है।
लेकिन अब स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे न्यू ओम हास्पिटल के नाम से हास्पिटल संचालक बेखौफ अवैध संचालन कर रहा है। जिसकी कुछ दिनों पूर्व शिकायत सीएमओ डॉ देश दीपक पाल के यहां पहुंची है।
पंचम यादव के शिकायती पत्र में बताया गया था कि पहले ओम हास्पिटल का स्वामी था। और सीएमओ द्वारा एक मार्च को रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया था जिसमें बताया गया था कि कोई भी गतिविधि होती है तो आप स्वयं जिम्मेदार होंगे इसी को देखते हुए सीएमओ साहब आपको अवगत कराना पड़ रहा है कि पंजीकरण निरस्त होने के बाद भी हास्पिटल में राजू कुशवाहा, सरिता राजभर, प्रवीण कुशवाहा व अन्य रजिस्ट्रेशन निरस्त होने के बाद भी हास्पिटल संचालित कर रहे हैं। पंजीकरण निरस्त होने के बाद मेरे द्वारा सारा सामान कंपनी को बेच दिया गया है। उन्होंने बताया कि सउक्त हास्पिटल परिसर में पूर्व में शिवांगनी हास्पिटल जिसमें जच्चा बच्चा की मौत होने के उपरांत सील हुआ अस्पताल,संचालक राजू कुशवाहा तथा गाजीपुर शहर में आराध्या हास्पिटल जिसमें जच्चा बच्चा की मौत होने के उपरांत सील हुआ अस्पताल, संचालक सरिता राजभर,दोनों अपना सामान लाकर अवैध रूप से हास्पिटल संचालित कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि मीडिया के माध्यम से पता चला कि दुल्लहपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत जलालाबाद स्थित जय पवहारी बाबा अवैध हास्पिटल का संचालन तीनों के मिली भगत से किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता पंचम यादव ने सीएमओ डॉ देश दीपक पाल से निवेदन किया कि अवैध रूप से चल रहे हास्पिटल को सील कर तीनों सहयोगी को हास्पिटल परिसर से बाहर निकाला जाय। उन्होंने बताया कि अगर कोई घटना उक्त परिसर में घटती है तो उसकी सारी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।



ओम, न्यू ओम या ओम नाम से न दिया जाय रजिस्ट्रेशन –


शिकायतकर्ता पंचम यादव ने शिकायती पत्र में बताया था कि ओम, न्यू ओम या ओम नाम से समायोजित शब्द से उस परिसर में नया रजिस्ट्रेशन न दिया जाए। लेकिन मजेदार बात तो यह है कि अभी तक हास्पिटल किसके सह पर चल रहा है।
विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो अब तक चार जगह अस्पताल संचालित करने वाले राजू ने एक दर्जन से अघिक प्रसूताओ की जान भी ले चुका है जो मामले पीडित के परिजनो ने संबंधित थाने मे दर्ज भी कराया था।


एसीएमओ का नहीं उठता फोन तो कैसे करेंगे कार्रवाई –


इस संबंध में एसीएमओ मुंशीलाल से लागातार कई दिनों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन एसीएमओ साहब फोन नहीं उठा रहे हैं। जरा आप भी सोचिए एक तरफ़ सूबे के मुखिया अधिकारियों को लागातार निर्देशित करते रहते हैं लेकिन गाजीपुर जिले के एसीएमओ उनके आदेशों को ताक पर रखते नजर आ रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो एसीएमओ मुंशीलाल न्यू ओम हास्पिटल को बचाने में जुटे हैं सूत्र यह भी बताते हैं कि एसीएमओ साहब का दौरा तेज रहता है लेकिन अवैध अस्पतालों पर कारवाई नहीं की जाती है।

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