गाजीपुर। बहुचर्चित जितेन्द्र राम पुत्र शिवनाथ राम केस में शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश एससीएसटी कोर्ट शक्ति सिंह की अदालत में बहस हुई। इस दौरान प्रथम आरोपी अंगद राय जरिये वीडियो कांफ्रेसिंग भभुआ बिहार की जेल से कोर्ट में पेश हुआ। द्वितीय आरोपी गोरा राय के अधिवक्ता ने अदालत से समय मांग लिया। इस केस में अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 21 मई नियत की है।
अभियोजन के अनुसार जितेन्द्र राम पुत्र शिवनाथ राम जिला जेल में बंद था। 22 अप्रैल 2009 को जेल में मौजूद बंदी अंगद राय व उमेश उर्फ गोरा राय ने जितेन्द्र को मारपीट कर घायल कर दिया था। यही नहीं उसपर जाति सूचक शब्दों का प्रयोग भी किया गया था। पीड़ित के अनुसार अंगद राय और गोरा राय जेल के बैरक नम्बर 10 में रहते थे। वहां वादी रोजना झांड़ू लगाता था। एक दिन वादी को फोड़ा हो गया था जिसके चलते वह झांड़ू लगाने नहीं गया था। जिसपर अंगद राय और गोरा राय ने मिलकर उसे मारापीटा था। यही नहीं उसे जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। इस मामले में तत्कालीन समय में जेल में बंद कुख्यात हिस्ट्रीशीटर पप्पू गिरी निवासी डिलिया थाना शहर कोतवाली इस केस में गवाह बन गया था। जानकारी के अनुसार इस केस में गवाही न करने के लिए पिछले वर्ष पप्पू गिरी को अंगद राय ने धमकी दिलाई थी।
इस मामले में पप्पू गिरी की तहरीर पर शहर कोतवाली में अंगद राय समेत अमित राय व विश्वनाथ राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में तीनों आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी हुई थी। बहुचर्चित जितेन्द्र राम केस में शुक्रवार को अंगद राय भभुआ बिहार कोर्ट से जरिये वीसी कोर्ट में पेश हुआ। इस दौरान गोरा राय के अधिवक्ता ने अदालत से समय मांगा। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजन प्रदीप चतुर्वेदी ने बहस पूरी की। बहस सुनने के बाद अदालत ने इस केस पर अगली सुनवाई की तिथि 21 मई नियत कर दी। प्रदीप चतुर्वेदी ने बताया कि मुकदमे में कुल 7 गवाहों की गवाही होने के उपरांत पत्रवाली बहस में चली है।