गाजीपुर ब्युरो रिपोर्ट
गाजीपुर। 30 मई 1826 को पंडित जुगल किशोर शुक्ल ने कलकत्ता से प्रथम हिंदी भाषा में उदन्त मार्तण्ड साप्ताहिक अखबार की शुरुआत किया था।और इसी दिन से पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है।
श्रमजीवी पत्रकार संगठन के तत्वाधान में पत्रकारिता दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन संगठन के मरदह कार्यालय पर किया गया। इस अवसर पर संबोधित करते हुए संगठन के जिलाध्यक्ष व राष्ट्रीय पार्षद पदमाकर पाण्डेय ने कहा कि वर्तमान माहौल में पत्रकारिता का कार्य करना एक कठिन चुनौती है। तटस्थ और निष्पक्ष पत्रकारिता ही समाज को नयी दिशा दे सकता है। समाज के दबे, कुचले, उपेक्षित लोगों की आवाज शासन तक तथा शासन की आवाज आम लोगों तक पहुंचाने के लिए पत्रकार बीच में सेतु का काम करता है।
महामंत्री विजय कुमार मधुरेश ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में समाचार संकलन करने वाला पत्रकार जान जोखिम में डालकर समाचार संकलन करता है, उसे न तो समाज से न तो शासन से संरक्षण मिलता है फिर भी विषम परिस्थितियों में अपने नैतिक दायित्व की पूर्ति करता है।
इस दौरान अन्य पत्रकारो ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ होता है परन्तु शासन द्वारा कोई भी सुविधा उपलब्ध नही है उपेक्षित है। पीत पत्रकारिता के चलते पत्रकारिता में काफी गिरावट आयी है जिससे इमानदार व निष्पक्ष पत्रकारिता बदनाम हो रही है ऐसे लोगो को अलग थलग करने के लिए प्रयास करना चाहिए। सुख दुःख में मिलजुल कर एक दूसरे का सहयोग करने का संकल्प लें।
बैठक मे चिन्ता जताई गयी कि जिले भर मे कुल एक दर्जन मान्यताप्राप्त पत्रकारो के अलावा प्रिट इलेक्ट्रॉनिक वेब के शोषल मीडिया से जुडे पत्रकारो की तादात 400 के आसपास पहुच गयी है यह आकडा सूचना विभाग के आंकडे से काफी हद तक मेल खाता है ।बावजूद इसके शाशन प्रशासन से पत्रकारो को किसी तरह का लाभ नही मिलता कुछ पत्रकार समूह बनाकर अफसरो से पहचान का ढिढोरा पीटने मे ही मस्त है ।
ऐसे मे पत्रकार हितो व अधिकारो की लडाई कौन लडेगा इस पर ही सवाल खडा हो रहा है। कार्यक्रम मे राष्ट्रीय पार्षद के साथ संगठन के पदाधिकारी व तमाम समाचार पत्रो के प्रतिनिधि पोर्टल संचालक यू ट्यूबर आदि मौजूद रहे।