Ghazipur: कार्तिक पूर्णिमा पर्व पर श्रधालुओं ने मौनी बाबा का किया दर्शन,देखा मशहूर मेला
संवाद सहयोगी (करंडा)
गाजीपुर। करंडा क्षेत्र के चोचकपुर स्थित मौनी बाबा धाम पर लगने वाले पांच दिवसीय मेले का प्रथम दिन कार्तिक पूर्णिमा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मेले का आंनद लिया। मौनी बाबा ने जागृत अवस्था मे समाधि ली थी। कार्तिक पूर्णिमा को दुबारा समाधि उन्होंने लिया था। मौनी बाबा मेला ददरी मेला के बाद दूसरा सबसे मसहूर मेला है। मेले में दूर- दराज से दुकानदार सर्कस, झूला, बड़ी चरखी लेकर आये है।
लकड़ी की दुकाने एवं सील बट्टा की दुकानें सजी हुई है। हरेक माल दस रूपए, बीस रुपए, पच्चास रूपए की दुकान पर ज्यादा भीड़ देखने को मिला। करंडा थाना प्रभारी दिनेश चंद्र पटेल एवं थाना प्रभारी नंन्दगंज कमलेश कुमार फोर्स के साथ पूरे मेले में चक्रमण करते रहे। जिला पंचायत द्वारा भी स्टाल लगाया गया है।
लोग बताते हैं कि मौनी बाबा जखनियां क्षेत्र के कनुवान गांव के गोसाई परिवार मे पैदा हुए थे। धार्मिक प्रवृति वाले मौनी बाबा कनुवान से नित्य गंगा स्नान करने चोचकपुर घाट पर आते थे। कहा जाता है कि गंगा पार चंदौली जनपद के मेढवा गांव की रहने वाली एक ग्वालिन नित्य गंगा पार कर दूध बेचने के लिए आती थी।एक दिन देर होने के कारण कोई नाव नही मिली परेशान होकर बाबा के चरणों मे गिर पड़ी। बाबा ने कहा मेरे पीछे चलो। बाबा गंगा मे प्रवेश कर चलते गये ग्वालिन भी पीछे- पीछे चल पड़ी। गंगा पार करने के बाद बाबा ने कहा इस बात की चर्चा किसी से न करना,वरना पत्थर का रुप धारण करना पड़ेगा। देर रात्रि तक जब ग्वालिन घर न पहुंचने पर परिवार वाले संदेह कर मारने पीटने लगे।अगले दिन महिला अपने परिजनो को लेकर बाबा के पास आयी ओर सही- सही बात परिजनो को बता दी चमत्कार की बात बताते ही महिला तत्काल पत्थर बन गयी। मंदिर परिसर के समीप ग्वालिन की समाधि बनायी गयी हैं जिसे अहिरिनियां माई के नाम से जाना जाता है।