गाजीपुर। निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल की स्थापना, क्रियान्वयन तथा संचालन प्रबंधन हेतु जिला स्तरीय समिति की बैठक जिलाधिकारी आर्यका अखौरी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुआ । बैठक में जिलाधिकारी ने पशुओ के लिए भरण पोषण एवं सहभागिता योजना में समिति द्वारा अनुमोदित धनराशि की स्वीकृति प्रदान की गयी।
जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा सौभाग्य योजना अन्तर्गत उपस्थित पशु चिकित्सकों से अब तक कितने पशुओ को चिन्हित कर पशुपालकों को सुपुर्द किए गए हैं की जानकारी ली। उन्होंने पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिया कि इस योजना में कुपोषित एवं अतिकुपोषित बच्चो के परिवारो में दुधारू पशुओ की सुपुर्दगी की जाए। उन्होने पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया कि पशुओ की बराबर वेरिफिकेशन किया जाना चाहिए यदि किसी पशु के मृत्यु के बाद भी उसका भुगतान किया जाता है तो संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही तय है।
उन्होने पशुओ को ठण्ड से बचाव हेतु गो-आश्रय स्थल पर अलाव की व्यवस्था, चारा ,पानी, टीन सेड व तिरपाल से सुरक्षित करने एवं साफ-सफाइ का निर्देश दिया। उन्होने कहा कि पशु आश्रय स्थल पर केयर टेकर एवं हरे चारे की व्यवस्था अवश्य की जाए। गोबर के निस्तारण हेतु मनरेगा से वर्मी कम्पोस्ट पिट बनाया जाए। जिलाधिकारी ने खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र में वास्तविक छुट्टा गोवंशीय पशुओं को एक सप्ताह का अभियान चलाकर संरक्षित किया जाए। अभियान की समाप्ति पर इस आशय का प्रमाण पत्र देना होगा कि अब क्षेत्र में कोई भी गोवंशीय पशु नही है। इसके अतिरिक्त उन्होने निर्देश दिया कि चारागाह की भूमि को चिन्हित करते हुए वहां पशुओ के लिए हरे चारे की बुआई कराई जाए। उन्होने कहा कि इस अभियान में सभी पशु चिकित्साधिकारी भी सक्रिय सहयोग करते हुए पशुओं का संरक्षण के साथ-साथ उनके इलाज, टीकाकरण, टैगिंग का शत-प्रतिशत कार्य पूरा करायें। नामित नोडल अधिकारी प्रत्येक माह गो-आश्रय स्थलो का निरीक्षण करते हुए उसकी आख्या प्रस्तुत करेगे।
बैठक में जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, परियोजना निदेशक राजेश यादव,अधीशासी अधिकारी नगर पालिका,नगर पंचायत सैदपुर, समस्त खण्ड विकास अधिकारी, समस्त पशुचिकित्साधिकारी, नोडल अधिकारी एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहें।