गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर में बृहद गौशाला का निर्माण कराया गया और यहां बहुत सारे गांव से पशु पड़कर लाए गए. वहीं इसका संचालन एक संस्था के माध्यम से कराया जाता है जिसके वजह से यहां पर पशुओं की संख्या बढ़ गई थी. साल 2022 में तत्कालीन एसडीएम ने बाराचव ब्लॉक के करीब 20 से 25 ग्राम प्रधानों की एक बैठक कर अपने सरकारी खाते से जानवरों के चारे के लिए कुछ पैसा प्रति महीने ट्रांसफर करने की बात कही थी.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से गौशालाओं से जुड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. सरकार की तरफ से गौशाला में मवेशियों के रखरखाव और उनके चारे की व्यवस्थआ के लिए 22 लाख रुपए दिए गए थे. लेकिन ग्राम प्रधानों ने इन पैसों को खातों से निकाल कर दूसरे कामों में ही खर्च कर दिया. वहीं इस मामले के सामने आने पर जिला अधिकारी से शिकायत की गई है.
यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बृहद गौशाला के अंतर्गत निराश्रित पशुओं को रखा जाता है. उनके रखरखाव और चारे की व्यवस्था शासन के द्वारा की जाती है. इसी को लेकर गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर में बृहद गौशाला का निर्माण कराया गया और यहां बहुत सारे गांव से पशु पड़कर लाए गए. वहीं इसका संचालन एक संस्था के माध्यम से कराया जाता है जिसके वजह से यहां पर पशुओं की संख्या बढ़ गई थी. साल 2022 में तत्कालीन एसडीएम ने बाराचव ब्लॉक के करीब 20 से 25 ग्राम प्रधानों की एक बैठक कर अपने सरकारी खाते से जानवरों के चारे के लिए कुछ पैसा प्रति महीने ट्रांसफर करने की बात कही थी. उसमें से 20 से 25 लाख रुपया दिया गया जो सिर्फ जानवरों के चारे के लिए ही खर्च होना था.
डीएम को पत्र लिखकर की शिकायत-
वहीं जब खाते में 20 से 25 लाख रुपए आ गए तो इस पैसे को जानवरों के चारे पर खर्च करने के बजाए. पैसों का बंदर बांट करने का मामला सामने आया. गांव के ही रहने वाले एक शख्स जयंत राम ने अक्टूबर 2024 में डीएम को एक पत्र दिया और उन्होंने आरोप लगाया कि इस खाते से गौशाला चलाने वाली संस्था को मात्र कुछ लाख ही पैसा दिया गया. बाकी पैसे का बंदर बात कर लिया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान ने इस खाते का पैसा अपने पति के फर्म, अपने रिश्तेदारों के फर्म पर भेजा है जो फर्नीचर और कोल्ड ड्रिंक बेचने का काम करते हैं.
डीएम ने दिए जांच के आदेश-
इस शिकायत पर जिलाधिकारी के द्वारा एडीओ पंचायत राम अवध राम को जांच का जिम्मा सौंपा और रामअवध राम ने भी शिकायतकर्ता को बिना सूचना दिए और जानकारी लिए बैठे-बैठे पूरे मामले का निस्तारण कर दिया.
वहीं अब इस मामले में एक बार फिर से करीमुद्दीनपुर के रहने वाले नित्यानंद राय ने जिलाधिकारी को जांच कराने का पत्र सौपा है. पत्र सौंपे हुए करीब 10 दिनों से ऊपर हो चुके हैं लेकिन इस मामले में अभी तक शिकायतकर्ता को कोई सूचना या जानकारी नहीं दी गई है.