गाजीपुर न्यूज़

अजब-गजब: योगी राज में गाजीपुर जिले का सिस्टम लाचार: DPRO के आवास पर जूता तक पॉलिश कर रहे हैं सफाई कर्मचारी, वीडियो वायरल



गाजीपुर। जिले के सभी गांव में सफाई करने के लिए नियुक्त हुए सफाई कर्मचारी अधिकारियों के सरकारी आवास व कार्यालय में अपनी नौकरी कर रहे हैं तथा सफाई कर्मचारी का वेतन पा रहे है
वहीं दूसरी ओर गांवों की सफाई व्यवस्था पड़ी हुयी है।
वर्ष 2008 में बसपा शासन में गांव की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पूरे प्रदेश के गांवों में सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। सफाई कर्मचारी के रूप में नियुक्त हुए तमाम जातियों के लोगों ने काम करने का दबाव आने पर नौकरी छोड़ दी थी। वहीं तमाम कर्मचारियों ने जुगाड़ लगाकर अपना अटैचमेंट करवा लिया जिससे उन्हें गांव में जाकर सफाई न करना पड़े।


गांव में सफाई करने के बजाय डीपीआरओ आवास में जूता पालिस कर रहे सफाई कर्मचारी, वीडियो वायरल-

गांव की सफाई के लिए नियुक्त कर्मचारी अधिकारियों के सरकारी आवास व कार्यालयों में नौकरी कर रहे हैं। वहीं गांवों का हाल यह है कि तीन-तीन गांवों के में दो सफाई कर्मचारी हैं या दो गांवों के बीच में एक सफाई कर्मचारी है जिसके कारण सफाई व्यवस्था ध्वस्त है।
स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए प्रधानमंत्री सहित तमाम मुख्यमंत्री स्वयं झाडू लगाकर प्रतीकात्मक संदेश दे रहें हैं, जबकि यहां सफाईकर्मियों से जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO)अपने सरकारी आवास पर खाना बनवा रहे हैं जूता पॉलिश करवा रहे हैं जिसका वीडियो इंटरनेट मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है।

DPRO की पत्नी की गाड़ी का ड्राईवर भी बना सफाई कर्मचारी, वीडियो वायरल –

डीपीआरओ  की पत्नी की गाड़ी का ड्राइवर भी सफाई कर्मचारी ही बने हुए हैं। यही नहीं जिला पंचायत राज अधिकारी, सफाई कर्मी को अपना अर्दली भी बनाए हूए हैं। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। ग्राम पंचायतों के दर्जनों सफाईकर्मी  मूल कार्य छोड़कर अटैचमेंट के नाम पर अन्य विभागों की जी-हुजूरी कर रहे हैं। यह स्थिति शर्मनाक है। जिले के सभी गांव में एक सप्ताह के भीतर सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिया गया था। तय समय पूरा हो लेकिन सफाई व्यवस्था अब तक दुरूस्त नहीं की गई है। गांवों में गंदगी और जलभराव जस के तस हैं। इससे ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही संक्रमित बीमारियों के फैलने का अंदेशा है। पंचायतीराज विभाग कर्मचारियों की कमी का हवाला दे रहा है।

विश्वसनीय सूत्रो की मानें तो DPRO के आवास पर वीरेंद्र यादव जिला पंचायत राज अधिकारी की पत्नी का ड्राइवर बना हुआ है। जो ग्राम पंचायत पहेतीया ब्लॉक मनिहारी में कार्यरत है। संग्राम कुमार सिंह जिला पंचायत राज अधिकारी का अर्दली बना हुआ है। जो ग्राम पंचायत खिजिरपुर, ब्लॉक करंडा में कार्यरत। संजीव कुमार यादव ड्यूटी न करके शाम के समय DPRO का ड्राइविंग करने आता है। जो ग्राम पंचायत कुसम्ही कला ब्लॉक करंडा में कार्यरत है। विनोद रावत जिला पंचायत राज अधिकारी के घर में जूता पॉलिश करते हुए नजर आ रहा है। जो  ग्राम पंचायत गहमर ब्लॉक भदौरा में कार्यरत है। यहां तक की कपड़े भी धोने वह घरों की सफाई करने के लिए आते है सफाई कर्मचारी। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और विभाग की खूब किरकिरी हो रही है।
डीएम मैडम गांवों में कैसे हो सफाई जब सफाई कर्मचारी कर रहे अफसरों की चाकरी। सवाल तो यह उठता है कि सफाईकर्मी सरकारी आवास पर करते हैं ड्यूटी  कैसे निकल जाता है वेतन।

वर्जन –

वायरल वीडियो बहुत पहले का है कहा से क्या आया है अब देखना है, काफी 6-7 महीना पहले सभी हट गये है फिलहाल सब हट गये है – अंशूल मौर्य,‌ ( DPRO) गाजीपुर


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