सामाजिक समरसता की नींव है भारतीय रिश्ते
जातिवाद के नाम पर समाज को बांटने का षड्यंत्र, सावधान रहें लोग
भक्ति आंदोलन के संतों ने भारत को एक किया, आज साजिशकर्त्ता समाज को जातियों में बांट रहे हैं
गाजीपुर। सामाजिक चिंतक दीनदयाल उपाध्याय के जन्मदिन के अवसर पर युवा परिषद द्वारा करण्डा थाना क्षेत्र के रामनाथपुर में “सामाजिक समरसता : भारत की जरूरत” विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने दीपोज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए डॉ० राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि भक्ति आंदोलन के महान संतों ने सामाजिक समरसता के लिए जन मानस को तैयार कर ईश्वरीय सम्बन्धो के माध्यम से रिश्तों में क्रांति ला दी। छुआछूत और भेदभाव पर प्रहार किया। जातिवाद के मिथक को तोड़कर इंसानियत को सर्वोच्च बताया। महान संत रामानंद ने कबीर और रैदास को दीक्षित कर समाज में नई क्रांति प्रारम्भ की। समाज को जोड़ने का सूत्र दिया। जातियों में विभक्त समाज का मानसिक स्तर केवल मानवीय संवेदना पर आधारित हो गया। लोग अपनी जाति बताने में संकोच करने लगे। रिश्तों की महत्ता बढ़ने लगी। सावरकर, गांधी, सुभाष, दीनदयाल जैसे महापुरुषों ने स्वतंत्रता से अधिक समरसता के मूल्यों को समझा। इसलिए आजादी के आंदोलन के साथ समाज सुधार के आंदोलन तेज हो गए। गांधी ने भेदभाव रहित रामराज्य की परिकल्पना की। तुलसी ने रामचरित मानस के माध्यम से समाज को एक सूत्र में बांध कर भगवान राम के महान आदर्शो को जन जन में स्थापित किया, तब जाकर भारत का सामाजिक मूल्य दुनिया के लिए उदाहरण बन सका। आज की कमान युवाओं के हाथ में है। समाज को विखंडन से बचाने के लिए युवा जातिवादी सजिशकर्त्ताओं से लोगो को सावधान करने के लिए गांव-गांव को अपना डेरा बना ले। कुछ लोग भारत के मजबूत रिश्तों को जातियों में बांटकर देश को कमजोर करना चाहते है। पाकिस्तान और चीन के हाथों में खेलने वाले नेताओ के भरोसे देश को नही छोड़ा जा सकता। देश के नाम पर कोई समझौता किसी से नही होगा। वे जातियों के नाम पर बांटेगे, युवा रिश्तों के नाम पर जोड़ने को अपना लक्ष्य बना लेंगे। जातिवादियों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए। भगवान श्रीराम का मार्ग त्याग और प्रेम का है। अब युवा सिर्फ अपने लाभ के लिये उन नेताओ के बहकावे में न जाये बल्कि उनकी जगह पर खुद नेतृत्व कर समाज को जोड़ने का काम करे। जातिवादी और परिवारवादि सजिशकर्त्ताओ से भारतीय समाज को आजादी दिलाये।
संगोष्ठी की अध्यक्षता दार्शनिक एवं राम आस्थावादी चिंतक चट्टो बाबा ने किया। चट्टो बाबा ने कहा कि युवा अब भारतीय संस्कृति के अनुरूप अपने को तैयार कर रहा है। बड़ी संख्या में युवाओं का भक्ति की ओर जाना और महापुरुषों को अपना आदर्श बनाना, संतो का सम्मान करना भारत के लिए शुभ संकेत है।
विशाल भारत संस्थान युवा परिषद, गाज़ीपुर के जिला प्रमुख नीलमणि सिंह के नेतृत्व में युवाओं ने नन्दगंज एवं चोचकपुर में युवाओं ने डॉ० राजीव श्रीगुरुजी का भव्य स्वागत किया।
संचालन विशाल भारत संस्थान युवा परिषद के प्रदेश प्रमुख विवेकानन्द सिंह ने किया एवं धन्यवाद डॉ० रजनीश सिंह ने किया।
इस अवसर पर ज्ञान प्रकाश, डॉ० अर्चना भारतवंशी, डॉ० नजमा परवीन, आभा भारतवंशी, नौशाद अहमद दुबे, अजय सिंह, शंकर पाण्डेय, अतुल सिंह, इली भारतवंशी, दक्षिता भारतवंशी, विश्वजीत, सुजीत, उमेश यादव, अजय, सुशील, त्रिभुवन यादव, गोलू खान, राहुल राजभर, राहुल विश्वकर्मा, मनीष यादव, आदर्श, गगन सिंह, गौरव, अखिलेश, आकाश यादव, अफरोज, अंकुश आदि लोग मौजूद रहे।