किन्नर ‘गंगा’ ने की थी मदद, अंतिम दर्शन को पहुंची बूढ़ी मां; 5 घंटे तक पोस्टमार्टम हाउस के बाहर बैठी रही
गाजीपुर के पोस्टमार्टम हाउस से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. एक बूढ़ी मां करीब चार-पांच घंटे तक बैठकर किन्नर गंगा के शव का इंतजार करती रही. जबकि उस बूढ़ी मां का किन्नर से कोई संबंध नहीं रहा.
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के नंदगंज थाना इलाके से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बुजुर्ग महिला जिसकी उम्र करीब 60 साल है वो एक किन्नर गंगा के शव के लिए पोस्टमार्टम हाउस के बाहर इंतजार करती रहीं. वहीं किन्नर गंगा के इंतजार के पीछे की जो कहानी है वो दिलको झकझोर देने वाली है.
गाजीपुर के पोस्टमार्टम हाउस से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल, एक बूढ़ी मां करीब चार-पांच घंटे तक बैठकर किन्नर गंगा के शव का इंतजार करती रही. जबकि उस बूढ़ी मां का किन्नर से कोई संबंध नहीं रहा. संबंध बस इतना था कि किन्नर ने बूढ़ी मां के बेटे की मौत के बाद वाराणसी के ट्रामा सेंटर के बाहर, जब पूरा परिवार बिलख रहा था तब गंगा किन्नर ने बिना किसी संबंध के बूढ़ी मां की मदद किया थी और गाड़ियों का काफिला लगाकर बेटे का शव उनके घर भिजवाया था. इतना ही नहीं कुछ दिनों के बाद बूढ़ी मां से मिलने के लिए भी गया था. मृतक की बेटी को पढ़ाई करने के लिए साइकिल भी खरीद कर दिलवाया था.
नंदगंज थाना क्षेत्र में रविवार की दोपहर करीब 2:30 बजे एक कपड़े की दुकान में हर्ष उर्फ गंगा किन्नर की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. इसके बाद किन्नरों ने जमकर हंगामा किया था. वहीं पुलिस ने किन्नरों से बात करने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था और पोस्टमार्टम के दौरान किन्नर से संबंधित बहुत सारे लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे. वहीं पोस्टमार्टम हाउस पर एक वृद्ध महिला, जिसकी उम्र लगभग 60 साल से भी अधिक थी वो भी काफी देर तक पोस्टमार्टम हाउस पर बैठी रहीं. वो अपनी आपबीती बताते हुए रो पड़ी और पूरी कहानी बताई कि किस तरह से गंगा किन्नर ने उनकी मदद की थी. उन्होंने कहा कि हम गंगा किन्नर को नहीं जानते थे और न वो हमें जानते थे लेकिन उन्होंने हमारी मदद की थी.
ये थी वजह-
दरसअल, कुछ महीने पहले वृद्ध महिला का बेटा जो फाक्सगंज का रहने वाला था और उसकी इलाज के दौरान ट्रामा सेंटर वाराणसी में मौत हो गई थी. वृद्ध महिला के पास पैसा नहीं था कि उसके शव को गाजीपुर लेकर जा सके. इसी दौरान गंगा किन्नर किसी काम से ट्रामा सेंटर पहुंची थी और वृद्ध के पास जाकर पूरे मामला को जाना, उसके बाद उसने कहा कि तुम रो मत तुम्हारा एक बेटा अभी और जिंदा है. उसके बाद वहीं उसने किसी को फोन किया और कुछ देर बाद कई और किन्नर वहां पहुंच गए और फिर उन्हें अपने वाहनों से बूढ़ी मां के बेटे के शव को गाजीपुर के फाक्सगंज पहुंचाया.
बेटे की मौत पर की थी मदद-
अक्टूबर महीने में फाक्सगंज के रहने वाले संजय कुमार को ब्रेन ट्यूमर हो गया था, परिवार के लोगों ने काफी उपचार कराया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. तब उसे ट्रामा सेंटर ले गए थे और इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई थी. बेटे की मौत के बाद वृद्ध महिला बिलख रही थी और इस दौरान हर्ष की नजर बूढ़ी मां पर पड़ी और उसके बाद उसके पास पहुंचकर उसने पूरा मामला जाना और आंसू पोछते हुए कहा कि परेशान मत हो, मैं सब व्यवस्था कर देता हूं.
अंतिम दर्शन के लिए पहुंची थी बूढ़ी मां-
वहीं संजय की मौत के कुछ दिनों बाद दोबारा गंगा किन्नर संजय के घर पहुंची और संजय की पुत्री को साइकिल भी खरीदवाया. जिससे कि वह अपनी पढ़ाई को पूरी कर सके और इसके बाद जैसे ही गंगा किन्नर की मौत की खबर की जानकारी बूढ़ी मां को मिली तो अंतिम दर्शन के लिए अपने गांव की ही एक महिला के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर कई घंटे तक शव का इंतजार करने लगी और अंतिम दर्शन करने के बाद ही वो घर को लौटी.