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करंडा: नवयुवक स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज में मनाया गया वार्षिकोत्सव समारोह


करंडा। ब्लाक अंतर्गत नवयुवक स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज मैनपुर का 45 वां वार्षिकोत्सव समारोह मनाया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्य सभा सांसद डा.संगीता बलवंत व विशिष्ट अतिथि एसपी डा. ईरज राजा रहे। सभी अतिथियों का अंग वस्त्र व मोमेंटो देकर स्वागत किया गया।
मुख्य अतिथि संगीता बलवंत व कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पिंडरा विधायक डा. अवधेश सिंह द्वारा स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप पज्वलित करके किया गया। प्रबंधक ओमप्रकाश प्रकाश सिंह ने विवेकानंद की जयंती पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 1984 से युवा दिवस मनाया जाता है। शिकागो धर्म सम्मेलन का जिक्र करते हुए बताया कि सनातम धर्म को प्रमुखता रखने वाले विवेकानंद को सत सत नमन।
1977 में विद्यालय की स्थापना की गई है। सर्वप्रथम विद्यालय मड़ई में चलाया गया। विद्यालय की स्थापना क्षेत्रीय व गांव के लोगों के सहयोग से किया गया।
1883 विश्व धर्म संसद सम्मेलन पर आयोजित नाटक की सभी दर्शकों ने काफी सराहना किया। विवेकानंद बने छात्र ने जैसे ही भाइयों और बहनों का संबोधन किया तालियों से पूरा पंडाल गूंज उठा। भारत की संत परंपरा का उल्लेख काफी प्रभावशाली ढंग से छात्र ने प्रस्तुत किया। वृंदावन जाऊंगी गीत पर बालिकाओं के नृत्य प्रशंसनीय रहा।  व्यायाम व पीटी में उत्कृष्ट प्रदर्शन देख कार्यक्रम की अध्यक्षता कर डा. अवधेश सिंह ने सेवानिवृत्त होकर भी विद्यालय में अमूल्य समय देने वाले 70 वर्षीय शिक्षक रविंद्र सिंह का माला पहनाकर स्वागत किया। दुर्गा के नौ रूपों के साथ महिसासुर मर्दिनी नृत्य नाटिका ने पंडाल में रोंगटे खड़ा कर दिया। नृत्य नाटिका के माध्यम से नारी के बल का परिचय सारगर्भित रहा।
विशिष्ट अतिथि डा. एसपी ईरज राजा ने बच्चों की सुंदर प्रस्तुति की काफी सराहना किया। मुख्य अतिथि डा संगीता बलवंत ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए विद्यालय के स्टाप की प्रशंसा किया। विवेकानंद के कथन उठ जागो से प्रेरणा लेकर बच्चों से कर्तव्य पर चलने के लिए। पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए परिश्रम करने की सलाह दिया। उनका कहना है कि कठिनाई से घबराने की जरूरत नही है, बल्कि साहस से लक्ष्य प्राप्त करना।
पिंडरा विधायक डा. अवधेश सिंह ने कहा कि बच्चों द्वारा प्रस्तुत प्रत्येक कार्यक्रम संस्कार युक्त था, इसके लिए समस्त अध्यापक व अभिभावक प्रणाम के पात्र है। उन्होंने ने उठो लाल अब आंखे खोलो, वीर तुम बढ़े चलो आदि कविता के बोल को दोहराकर संदेश दिया। बच्चों को नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पढ़ने की सलाह दिया। माता-पिता को देवता के समान बताया। मां बाप का पैर छूकर विद्यालय आने के बारे में बच्चों से पूछा तो सभी ने हाथ उठाकर कहा कि हम अपने माता-पिता का पैर छूकर विद्यालय आते है। उनके संबोधन में संस्कार पर काफी बल दिया गया। विद्यालय में स्थान प्राप्त छात्रों को मेडल प्रदान किया गया।
इस मौके पर, डीआएस भास्कर मिश्रा, प्रधानाचार्य करुणा सागर सिंह, उमेश दुबे, शशिपाल सिंह घूरा, महेंद्र प्रताप सिंह, मुकेश उपाध्याय, उदय भानु सिंह, आंनद सिंह, गुरचरण यादव, हरेंद्र यादव, नीतीश दुबे, चंद्रप्रकाश आर्य, भोला सिंह, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे। संचालन कृष्णानंद द्विवेदी ने किया।

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